दोस्तों आज के इस डिजिटल दुनिया में सभी क्षेत्रों में क्रांति आ रही है ।आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि कंप्यूटर टेक्नोलॉजी क्या है और इसका विस्तार कैसे हुआ । कंप्यूटर की दुनिया ही अलग है इसके विकास ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में चार चांद लगा दिए हैं।
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कंप्यूटर क्या है? What is computer
कंप्यूटर एक ऐसा Electronic Device है जो User द्वारा Input किये गए Data में प्रक्रिया करके सूचनाओ को Result के रूप में प्रदान करता है।सूचना एवं संचार technology का कम्प्यूटर के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। कम्प्यूटर technology प्रोसेसर technology, collection technology और software का एक सेट है। जैसे-जैसे कम्प्यूटर का विकास होता गया, वैसे सूचना एवं संचार टेक्नोलॉजी के क्षेत्र भी विस्तार होने लगा।
कंप्यूटर की पीढ़ियां
- प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का उपयोग किया जाता था।
- द्वितीय पीढ़ी के कम्प्यूटरों में central processer के रूप में सेमी कंडक्टर based ट्रांजिस्टर का उपयोग किया गया था। इसके उपयोग से कम्प्यूटर का आकार छोटा करने में सफलता मिली।
- तृतीय पीढ़ी के कम्प्यूटर में इंटिग्रेटेड सर्किट का प्रयोग किया गया। इसके उपयोग से कम्प्यूटर का आकार कई गुना कम करने में सफलता प्राप्त हुई साथ ही mathematical calculation तथा अन्य कार्यो को करने की क्षमता में वृद्धि हुई ।
- चतुर्थ पीढ़ी के कम्प्यूटर में Large Scale Integration तथा Very Large Scale Integration परिपथ (Circuit) का प्रयोग किया गया था।
- पांचवीं पीढ़ी के कम्प्यूटर में artificial intelligence विकसित करने की दिशा में प्रयास किये जा रहे हैं। वर्तमान में अधिक शीघ्रता से कार्य करने वाले एवं छोटे से छोटे आकार वाले कम्प्यूटर उपलब्ध हैं। कम्प्यूटर शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी भाषा के कम्प्यूटर शब्द से हुई है जिसका तात्पर्य calculation करना होता है।
कंप्यूटर के प्रकार (Type of computer)
एप्लिकेशन और ऑपरेटिंग सिस्टम के आधार पर कम्प्यूटर को तीन प्रकार से विभाजित किया गया है।
- एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)
- डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
- हाइब्रिड कम्प्यूटर
1. एनालॉग कंप्यूटरa
एनालॉग कम्प्यूटर विभिन्न कार्यों को हल करने के लिए बनाये जाते हैं। इनको आवश्यकता के आधार पर ही इनका डिजाइन तैयार किया जाता है। अर्थात् इस कम्प्यूटर को सामान्यतः जिस समस्या के समाधान हेतु तैयार किया जाता है,भौतिक रूप से उसी के अनुरूप या समान होता है।
यह ऐसी physical quantites से काम कर सकता है, जो कि इसके द्वारा हल की जाने वाली समस्या से सम्बन्धित मात्राओं से बहुत भिन्न हो । Normally इसके ऊपर एक marked पैमाने पर दिखाई देते हैं, कलम से एक ग्राफ में खिंच जाते हैं, drafting अंकित हो जाते है।
2. अंकीय कम्प्यूटर (digital computer)
यह इलेक्ट्रिकली ऑपरेटेड कम्प्यूटर एक ऐसी कार्य विधि है जो data को नम्बरों के रूप में accept करने में capable है। इस कम्प्यूटर का उपयोग गणित के लिए किया जाता है। यह कार्य को सही एवं जल्दी करने में सहायक होते हैं। ये गिनते है अर्थात calculation करते है।
ये शुरू में दिये गए instructions के आधार पर arithmetic और logical operation की लम्बी श्रृंखला पूर्ण कर सकते हैं। इन logical operations में विभिन्न प्रकार की सूचनाओं की shorting, selection, compare, match आदि सम्मिलित हैं। यह भी calculation करते समय 0 व 1 का प्रयोग करते हैं।
3. हाइब्रिड कम्प्यूटर
ये कम्प्यूटर एनालॉग एवं डिजिटल कम्प्यूटरों के मेल से बनते हैं और दोनों प्रकार के कार्यों को भलीभांति पूरा कर सकते हैं अर्थात ये ‘नापने’ व गिनने’ दोनों को कर सकते हैं। आकार एवं कार्यो के आधार पर कम्प्यूटर को निम्नलिखित प्रकार बांटा जा सकता है।
- सुपर कम्प्यूटर ( Super Computer)
- मेनफ्रेम कम्प्यूटर (Mainframe Computer)
- मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
- माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
1. सुपर कंप्यूटर ( Super Computer)
सुपर कम्प्यूटर एक अत्यन्त विशाल एवं शक्तिशाली कम्प्यूटर है। इसमें असीमित डेटा संगहीत किये जा सकते है।
2. मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
मेनफ्रेम कम्प्यूटर एक से अधिक उपयोगकर्ताओं (Multi-use) द्वारा उपयोग किये जाते हैं।
अर्थात् इस कम्प्यूटर पर कई लोग एक साथ कार्य कर सकते हैं। यह आकार में बहुत बड़े होते हैं।Data Analysis और Processing का कार्य अधिक तीव्र गीत से करते थे।
3. मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
मिनी कम्प्यूटर का आकार मध्यम श्रेणी का होता है। इनके कार्य करने की क्षमता माइक्रो
कम्प्यूटर से अधिक तथा मेनफ्रेम कम्प्यूटर से कम होती है।
4. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
माइक्रो कम्प्यूटर पर केवल एक उपयोगकर्ता ही कार्य कर सकता है। यह कम्प्यूटर कम कीमत तथा कम क्षमता के होते हैं। कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो आदेशों के अनुसार कार्य करता है। कम्प्यूटर द्वारा डेटा का storage और presentation व recovery का कार्य किया जाता है इसलिए इसे डेटा प्रोसेसर भी कहा जाता है।
कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर , हार्डवेयर, प्रोग्राम
कम्प्यूटर का सी.पी.यू कम्प्यूटर की activities को control करता है। Keyboard तथा अन्य प्रकार के माध्यमों से कम्प्यूटर में information compiled की जाती है। कम्प्यूटर के स्क्रीन या प्रिन्टर के माध्यम से Expected Result प्राप्त किये जा सकते हैं। कम्प्यूटर के keyboard, मॉनिटर और प्रिन्टर को हार्डवेयर कहते हैं। कम्प्यूटर को चलाने और नियंत्रित करने के लिए आवश्यक प्रोग्रामों को सॉफ्टवेयर कहते हैं।
कम्प्यूटर को दिये जाने वाले इंस्ट्रक्शन के सेट को ही प्रोग्राम कहा जाता है। निश्चित कार्य को सम्पन्न करने के लिए तैयार किये गए प्रोग्राम को ही सॉफ्टवेयर कहा जाता है।