क्रिप्टो माइनिंग क्या है और कैसे काम करती है? पूरी जानकारी

दोस्तों आज हम इस आर्टिकल में जानेंगे कि क्रिप्टो माइनिंग क्या है और यह कैसे काम करती है और crypto से related सभी जानकारी मिलेगी तो दोस्तों आप इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

क्रिप्टो माइनिंग क्या है?

दोस्तों क्रिप्टो माइनिंग bitcoin जैसे नए coin create करने और नए लेन-देन को verify और प्रोसेस करने की एक प्रक्रिया है। इसके तहत दुनिया भर के कंप्यूटर के विशाल एवं decentralised नेटवर्क शामिल होते हैं जो ब्लॉक चेन को verify और सुरक्षित करते हैं। Bitcoin (BTC) जैसे crypto currency नेटवर्क के लिए proof of work (POW) क्रिप्टो माइनिंग basic आधार है।

  • Crypto currency को सत्यापित करने के लिए POW और proof of stake (POS) algorithm का उपयोग होता है।
  • इनमें मुख्य अंतर यह है कि ये लेन-देन करने के लिए users को कैसे चुनते और verify करते हैं।
  • POW और POS ऐसे प्रोटोकॉल हैं जिनका उद्देश्य लेन-देन को verify करना और ब्लॉकचेन नेटवर्क को decentralized एवं सुरक्षित बनाए रखना है।

Proof of work ( POW )क्या है?

POW एक कार्यप्रणाली है। जिसका उपयोग bitcoin माइनिंग की प्रक्रिया के माध्यम से blocks का निर्माण और नेटवर्क की integrity को regulate करने के लिए होता है। POS सर्वसम्मति आधारित एक वैकल्पिक ऑपरेटिंग सिस्टम है। यह एक fix number में टोकन के मालिकों को network का control प्रदान करता है।

ब्लॉकचेन टेक्नोलोजी क्या है?

ब्लॉकचेन एक alloted या decentralized बहीखाता (Ledger) technology है। यह technology users के बीच लेन-देन को रिकॉर्ड करने और track करने की process को सुविधा जनक बनाती है। ब्लॉकचैन में प्रत्येक exchange को डेटा के “ब्लॉक” के रूप में दर्ज किया जाता है। यह ब्लॉक इसके पहले या इसके बाद के अन्य ब्लॉक से जुड़ा हुआ होता है।

क्रिप्टो माइनिंग के अलग-अलग प्रकार:

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट्स (CPUs) माइनिंग : दोस्तों इसमें crypto माइनिंग के लिए प्रोसेसर का इस्तेमाल किया जाता है।

ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (GPUs) माइनिंग : इसमें क्रिप्टो माइनिंग करने के लिए grafix card का इस्तेमाल किया जाता है।

एप्लिकेशन स्पेसिफिक इंटीग्रेटेड सर्किट्स (ASICs) माइनिंग : इसमें फील्ड प्रोग्रामेबल गेट ऐरे (FPGA) माइनिंग, क्लाउड माइनिंग आदि शामिल हैं।

क्रिप्टोकरेंसी क्या है?

यह decentralized डिजिटल मुद्रा है, जो ब्लॉकचेन technology पर आधारित है और cryptography द्वारा सुरक्षित है। यह vertual currency (मूल्य का एक डिजिटल स्वरूप जिसका डिजिटल रूप से Trade किया जा सकता है) का एक sub group है।

Cryptography में mathematical तकनीकों (cryptographic key) का उपयोग किया जाता है। यह डेटा को tranform करता है और इसे unauthorised parties द्वारा पढ़ने या उसमें हेरफेर करने से सुरक्षित बनता है। उदाहरण के लिए- Bitcoin , Ethereum आदि।

Markets in Crypto Assets ( MICA )
दोस्तों इसका उद्देश्य crypto asset सेवा providers के साथ-साथ इसके users के protection के लिए एक legal framework उपलब्ध कराना है। MICA regulation केवल उन क्रिप्टो assets पर लागू होगा जो वर्तमान में किसी regulation के दायरे में नहीं हैं।

क्रिप्टो परिसंपत्तियां (Crypto-assets)

क्रिप्टो नेटवर्क पर आधारित डिजिटल या virtual assets  को क्रिप्टो assets कहते हैं। क्रिप्टो assets का अपना मूल्य होता है या उसके holder के पास पैसे के वैल्यू के समान अधिकार होता है। इस vertual assets को क्रिप्टोग्राफ़ी के जरिए सुरक्षा दी जाती है। इसे distributed laser technology (DLT) या इसी तरह की तकनीक का उपयोग करके इलेक्ट्रॉनिक रूप से transfer और store किया जा सकता है।

क्रिप्टो assets में शामिल अलग-अलग प्रकार के टोकन

Stablecoin: दोस्तोंइसे इलेक्ट्रॉनिक मनी टोकन के नाम से भी जाना जाता है। ये ऐसे टोकन होते हैं जिनका वेल्यू पहले से तय होता है। अक्सर उन्हें अमेरिकी डॉलर जैसी currency के value के समान तय कर दिया जाता है।

Security tokens: यह ऐसे टोकन होते हैं जो इंगित करते हैं कि उनके मालिक के पास वास्तविक जगत की कुछ assets या enterprises में हिस्सेदारी है।

Asset tokens: ये ऐसे टोकन होते हैं जो वास्तविक जगत की assets, जैसे- gold, real estate आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं।

Utility tokens: यह टोकन अपने users को किसी product service या किसी और ऑफर तक विशेष पहुंच प्रदान करते हैं। इन्हें अक्सर किसी परियोजना या कंपनी के initial coin offering (ICO) के एक हिस्से के रूप में जारी किया जाता है।

Non-Fungible Tokens ( NFT): यह bitcoin या अन्य crypto currency जैसा ही एक crypto टोकन है। NFT की वैल्यू एक विशेष और यूनिक डिजिटल asset पर निर्भर करती है।
यह किसी संपत्ति (डिजिटल हो या physical) के ownership और authenticity का एक अपरिवर्तनीय डिजिटल प्रमाण-पत्र होता है।

भारत में क्रिप्टो assets को regulate करने का प्रयास

2019: RBI ने भारत में crypto currency की trading,होल्डिंग , माइनिंग को illegal माना था और ऐसी किसी गतिविधि पर 10 लाख के जुर्माने का प्रावधान किया गया था।

2020: सुप्रीम कोर्ट ने RBI द्वारा लगाए गए restrictions को निरस्त कर दिया और सरकार को इस पर निर्णय लेने के लिए कहा।

2022: वित्त मंत्रालय द्वारा vertual asset के transfer से अर्जित आय पर 30% tax लगाने की घोषणा की गई थी।

2023: वर्चुअल डिजिटल assets से जुड़े सभी लेन-देन को Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002 के दायरे में लाया गया।

निष्कर्ष:

दोस्तों हमने इस ऑर्टिकल में crypto से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी आप लोगों को बताया है । Crypto माइनिंग क्या है और इससे जुड़ी सारी जानकारी आपको इस आर्टिकल में मिल जाएगी।अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में share जरूर करें।

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