डेटाबेस क्या है ? इसके features, components, model और types की पूरी जानकारी

डेटाबेस: दोस्तों सूचना आज के जमाने में हमारी सबसे पहली जरूरत बन है। जिसके बारे में हमारे इतिहासकार भी बताते हैं कि कैसे बेबीलोनिया में व्यापारियों ने मिट्टी की पट्टियों पर डेटा का collection किया था। मिस्रवासियों ने मैसेज लिखने के लिए एक कागज पेपीरस और एक नुकीले पेन कलामस  का विकास किया था। जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ उसके साथ ही डेटा का collection करने तथा डेटा की Processing करने की टेक्नोलॉजी ने महत्वपूर्ण भूमिका रही  है ।

डेटाबेस क्या है?

डेटाबेस सूचना के वो source है जो कम्प्यूटर के माध्यम से सूचना प्राप्त करने हेतु organized किये जाते हैं। इसलिये डेटाबेस organized डेटा का collection होता है जिसका विभिन्न users द्वारा उपयोग किया जाता है। किसी भी डेटाबेस के निम्नलिखित गुण होते है।

  • डेटा सिर्फ एक बार ही उत्पन्न होता है और Duplicate डेटा को हटा दिया जाता है।
  • डेटा का Organisation किसी भी एप्लिकेशन प्रोग्राम से अपने आप होता है।
  • डेटा का अनेक व्यक्तियों द्वारा उपयोग किया जाता है।
  • डेटाबेस का Standardized प्रयोग होता है।

डेटाबेस के अभिलक्षण (Features of Database)

दोस्तों डेटाबेस का गुण Self Describing होता है जिससे users के डेटा के extra डेटाबेस की upper structure का पूरा डिस्क्रिप्शन होता है। इस डिस्क्रिप्शन को हम डेटा डिस्कनरी या डेटा डायरेक्ट्री या मेटा डेटा कहते है।

दोस्तों डेटाबेस लाइब्रेरी सूची की तरह होता है। लाइब्रेरी का Self Describing गुण होता है- books का कलेक्शन। इस collection का विवरण लाइब्रेरी सूची जो लाइब्रेरी का एक महत्वपूर्ण भाग है उसके द्वारा प्राप्त किया जा सकता है। ठीक इसी प्रकार डेटाबेस में डेटा डिक्शनरी , जो डेटाबेस का एक महत्वपूर्ण अंग है उसके द्वारा डेटाबेस के अन्दर उपलब्ध सभी प्रकार की सूचना उपलब्ध होती है।

डेटाबेस का Self-Describing गुण निम्न कारणों से महत्वपूर्ण होता है।
  1. प्रोग्राम जो होता है वह डेटा freedom को प्रोत्साहित करता है इसका मतलब यह है कि हमें files या रिकार्ड के बारे में जानकारी के लिये हमें किसी तरह के external documentation की जरूरत नहीं होती है।जैसे कि डेटाबेस की संरचना कैसी है और इसमें किस तरह की subject matter उपलब्ध है , इसकी जानकारी डेटाबेस स्वयं उपलब्ध करवाता है। लेकिन फाईल Processing system में इस तरह के बाहरी documentation की जरूरत होती है।
  2. दोस्तों अगर हमें डेटाबेस में किसी तरह के बदलाव की जरूरत होती है तो हमें केवल नये डेटा को डेटा डिक्शनरी में जोड़ देते हैं। फिर हमें उन प्रोग्रामों को बदलने की जरूरत होती है जिससे नया Data Element ही बदला जा सके।
  3. जो डेटाबेस होता है वह users की जरूरत का एक मॉडल होता है कि किस तरह की इनफॉर्मेशन या विवरण डेटाबेस में होना चाहिए यह इस बात पर निर्भर करता है कि users की जरूरत क्या है और किस तरह की सूचना वह डेटाबेस में चाहता है। इसके बाद ही डेटाबेस के Designing की जाती है।

Components of database

  • किसी भी organisation में डेटाबेस के चार component होते है । वो चार componen है सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, डेटा और मानव
  • Users की आवश्यकताओं को समझकर डेटाबेस तैयार करने वाले या System Analysts डेटाबेस का स्ट्रक्चर तैयार करते हैं। फिर डेटाबेस संरचना को विशेष रूप से लिखा जाता है।
  • DBMS (data base management system) में यह कार्य डेटा डिक्शनरी के द्वारा किया जाता है। Users द्वारा डेटा को किसी specific system द्वारा enter किया जाता है। Enter  किये गये डेटा को हार्डवेयर माध्यम के द्वारा maintain किया जाता है, जैसे कि डिस्क और टेप |
  • डेटाबेस access करने के लिये, डेटाबेस design द्वारा Application Program लिखा जाता है। ये प्रोग्राम DBMS की कमांड भाषा प्रयोग करते हैं और डेटा डिक्शनरी में जो सूचना होती है उसका उपयोग करते हैं।
  • इस प्रकार इन चारों अवयवों को मिलाकर एक सिस्टम बनता है जो कि किसी भी संस्था की सूचना आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।

Database Models

डेटाबेस access की एक मुख्य विशेषता यह होती है कि वह कुछ स्तर के डेटा Abstraction की व्यवस्था करता है और इस प्रकार की जानकारियाँ देता है जैसे कि डेटा कहीं Store हुआ हैं अथवा ऑपरेशन में इन्हें कैसे काम में लिया गया है। यह ऐसी सूचना छुपाता है जिसकी users को जरूरत नहीं होती है।

दोस्तों Data Model जो होता है वह Concepts का एक collection होता है जिसका प्रयोग डेटाबेस की संरचना का वर्णन करने के लिये किया जाता है। यह Abstraction को प्राप्त करने की अवस्था करता है। यहाँ पर डेटाबेस संरचना का मतलब है जैसे डेटा प्रकार (Type),संबंध (Relationships) और प्रतिबंध । डेटा मॉडल में Basic Operations का भी कलेक्शन होता है जिससे डेटाबेस को अपडेट रखा जा सके और पुनः प्राप्त किया जा सके।

Categories of Data Models

1. Low-level या Physical Models: यह उन models को बताते है कि डेटा कम्प्यूटर में कैसे collect किया जाए। यह कम्प्यूटर experts के लिये होता है न कि users के लिये।

2. Representational implementation Data Model:
यह उन Concepts को बताते है जिनसे users यह समझ सकें कि डेटा कैसे arrange हुआ है। लेकिन डेटा कहाँ collect हुआ है इस तरह की जानकारी users से छुपाता है।

डेटाबेस के प्रकार (Type of Database)

Bibliographic Database :
दोस्तों यह Information System का component है। इसमें library के डॉक्यूमेंट का रिकार्ड होता है। जिसमें documents की समस्त rhetorical सूचना उपलब्ध होती है जैसे कि किसी भी dacument का लेखक, विषय, Key Words , प्रकाशक इत्यादि । इस system में जो डेटा Storage किया जाता है वह कुछ सीमा तक Pre-processed होता है और इसकी सूचना का मूल्य होता है।

यही कारण है कि इस सूचना को हम organized रूप में पुनः प्राप्त कर सकते हैं और इसके डेटा फील्ड के अन्दर विभिन्न प्रकार से Entries  तैयार हो जाती है, जो कि Access में उपयोगी होती है। इस प्रणाली को हम Information Storage या Information Retrieval भी कह सकते है।

Full-Text Database:
दोस्तों इन डेटाबेसों में Bibliographic Description के अतिरिक्त full text भी उपलब्ध करवाया जाता है। जैसे कि समाचार पत्रों के सभी आर्टिकल्स प्रायः ऑनलाइन (Online) तथा CD-ROM में full text रूप में भी उपलब्ध होते हैं। ये खोजने योग्य होते है लेकिन प्रायः इनमें imdexing पद उपलब्ध नहीं होते हैं।

Numeric Database :
दोस्तों इस तरह के डेटाबेस में संख्यात्मक (Numeric) डेटा उपलब्ध होता है। जैसे कि कम्पनी Financial Performance Indicators ,Commodity, Stock Market सांख्यिकीय डेटा ,किसी सबस्टेन्स (Substance) की रासायनिक या भौतिक प्रोपर्टी (Properties) इत्यादि ।

डायरेक्टरी डेटाबेस (Directory Database)
अगर इस प्रकार के डेटाबेसों की बात करे तो इसमें  किसी भी सत्ता की संपूर्ण सूचना उपलब्ध रहती है, जैसे कि संस्था,व्यक्ति प्रकाशन (Publications), इत्यादि।

Multi Media Database:
मल्टीमिडिया डेटाबेस में Text ,Audio , Video , Photographs, Diagrams, Illustration, Graphs, Charts, Maps Art, इत्यादि का मिश्रण होता है। यह ज्यादातर CD-ROM में उपलब्ध होते है। इनको Telecommunication Network पर भी उपलब्ध करवाया जाता है लेकिन इनकी बहुत बड़ी फाईल होने के कारण ट्रांसमिशन में असुविधा होती है। हाईस्पीड नेटवर्क  में यह असुविधा दूर हो जाएगी।

Transactional Database:
इस प्रकार के डेटाबेस में यूजर्स को किसी भी सामान या सेवा को सीधा उपलब्ध करवाया जाता हैं, ज्यादातर इस तरह की सुविधा ऑनलाइन उपलब्ध होती है।

इनके अतिरिक्त अन्य प्रकार के डेटाबेस भी होते हैं जैसे कि शब्दकोश, विश्वकोश, केमिकल,स्ट्रक्चर पेटेन्ट्स और ट्रेड-मार्क, कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर इत्यादि ।

निष्कर्ष

दोस्तों हमने इस ऑर्टिकल में आपको डेटाबेस की सारी जानकारी दी है अगर आपको जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में share जरूर करें

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