डॉक्सिंग क्या है? इससे होने वाले नुकसान और इससे कैसे बचे, पूरी जानकारी

‘ डॉक्सिंग ‘ क्या आपने कभी पहले इसका नाम सुना है, शायद ही आपने कभी इसका नाम पहले सुना हो। हम सभी लोग internet के addict हो चुके हैं । एक वक्त का खाना न मिले चलेगा लेकिन internet हमें 24 hour चाहिए।सभी लोग social media का इस्तेमाल करते हैं और अपने personel डेटा को ऑनलाइन पब्लिश कर देते हैं जिससे आपको बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है । ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि doxxing क्या है और इससे कैसे बचा जा सकता है।

डॉक्सिंग क्या है?

सबसे पहले हम जानते है कि ये डॉक्सिंग क्या है। आसान भाषा में कहे तो , अगर कोई user किसी कंपनी की या फिर किसी की पर्सनल डेटा को ऑनलाइन सर्च करता है और उसको इकट्ठा करके बिना उस यूजर या कंपनी को बताए ऑनलाइन पब्लिश कर देता है तो यह प्रक्रिया doxxing कहलाती है

डॉक्सिंग से क्या नुकसान हो सकते है

Doxxing में कोई भी यूजर या हैकर सबसे पहले आपका नाम ,email, profile picture, address को ऑनलाइन सर्च करता है। इस procces में कोई भी हैकर आपके बारे में ऐसी छोटी छोटी चीजें ऑनलाइन इकठ्ठा करता रहता है। जिसमें आपका real name , address, real mobile number या फिर आपकी bank की details हो सकती हैं। अगर कोई कम्पनी है तो उसकी गुप्त जानकारी उसके confidencial डेटा को इकट्ठा करता है और इस डॉक्सिंग की मदद से हैकर उसको ऑनलाइन available करवा दे तो उस कंपनी का बहुत नुकसान हो सकता है।

इसे भी पढ़ें :

इंटरनेट की काली दुनिया Dark web , जहां होते है गैर कानूनी काम , इसको भूल के भी न खोले ।

Crack software : क्या है? इससे होने वाले नुकसान और इससे कैसे बचे

डॉक्सिंग क्यों की जाती है

दोस्तों doxxing क्यों की जाती है इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जैसे वो यूजर आपसे जलता हो , वो आपको नीचा दिखाना चाहता हो या फिर उसकी आपसे दुश्मनी हो । इस तरह doxxing करने के कई reason हो सकते हैं। कोई हैकर किसी को blackmail के लिए करता है तो कोई किसी कंपनी को डुबाने के लिए डॉक्सिंग करता है ।

Doxxing से कैसे बचे

दोस्तों doxxing से बचने की कुछ simple सी ट्रिक है जिसे आपको जरूर follow करना चाहिए जिससे आप डॉक्सिंग से बच सकते हैं।

  • दोस्तों आजकल सभी लोग social media का इस्तेमाल जरूर करते हैं जिसमें वो अपनी पर्सनल इन्फोर्मेशन जैसे नाम , मोबाईल नंबर, ईमेल id और भी बहुत डेटा को private करने की जगह public कर देते है जिससे किसी भी हैकर या यूजर को आपकी इन्फोर्मेशन पता करने में कोई भी परेशानी नहीं होगी । इसलिए आपको अपनी personel डेटा को private करके रखना है ।
  • ​कई सारे application ऐसे होते है जो आपकी पर्सनल डेटा जैसे नाम , मोबाइल नंबर, यहां तक कि बैंक detail तक मांगते है तो ऐसे में अगर वो trusted app नहीं है तो आपको ये जानकारी नहीं fill करना है वर्ना आप doxxing के शिकार हो सकते है ।
  • ​इंटरनेट में कोई भी जानकारी अगर कही fill कर रहे तो उसको private करके रखे उसको public न करें,नहीं तो कोई यूजर आपकी same profile picture, name और address डाल के आपकी नकली id बनाकर, आपके नाम का गलत फायदा उठा सकता है।

निष्कर्ष:

दोस्तों आपको कोई भी जानकारी ऑनलाइन पब्लिश करने से पहले ध्यान देना है कि वो private हो । किसी भी third party app में अपनी इन्फोर्मेशन भरने से पहले ये जरूर देख ले कि वो app popular और trusted कंपनी का हो । जिससे आप doxxing से बच सकते हैं। अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में शेयर जरूर करें।

Leave a Reply