नैनोटेक्नोलॉजी क्या है? हमारे जीवन में इसका क्या उपयोग है?

दोस्तों आज का युग technology का है । हर घंटे  हर पल कुछ न कुछ बदल रहा होता है की न कोई नई टेक्नोलॉजी आ रही होती है । आज हम बात करने वाले हैं नैनोटेक्नोलॉजी के बारे में।आपने nano car के बारे में जरूर सुना होगा उसकी खासियत उसका छोटा size था। बस ऐसी ही होती है nanotechnology जिसमें छोटे particle को काम में लिया जाता है। इसका उपयोग future में बहुत होने वाला है ।

Nanotechnology क्या है?

Nano एक ग्रीक शब्द है जिसका अर्थ होता है सूक्ष्म या छोटा । नैनोटेक्नोलॉजी से सम्बन्ध रखने वाला नैनो एक ऐसा पदार्थ होता है जो बहुत ही सूक्ष्म तत्वों से मिलकर बना होता है । इस तरह नैनोटेक्नोलॉजी ऐसी टेक्नोलॉजी है जो 100 nano meter से छोटे particle में काम करती है। नैनोटेक्नोलॉजी में matter को न्यूक्लीयर, एटॉमिक में कंट्रोल करने की study की जाती है ।

Nanotechnology क्या क्या कर सकती है

आज भले ही नैनोटेक्नोलॉजी के लिए ज्यादा जोर दिया जा रहा हो लेकिन nanoscience और नैनोटेक्नोलॉजी कोई नया term नहीं है क्योंकि इसका इस्तेमाल करीब 20 साल पहले से ही कंप्यूटर चिप में किया जा रहा है। नैनोटेक्नोलॉजी भले ही छोटे आकार की टेक्नोलॉजी में काम करती है लेकिन इनकी power बहुत ज्यादा होती है। क्योंकि इसकी मदद से energy consumption efficiency को बढ़ाया जा सकता है। पर्यावरण को साफ रखा जा सकता है और स्वास्थ्य से संबंधित गंभीर बीमारी को ठीक किया जा सकता है।

नैनोटेक्नोलॉजी की खास बात यह है कि इससे बने product आकार में छोटे , वजन में हल्के और कीमत में तुलनात्मक रूप से सस्ते होगे । इसमें कच्चा पदार्थ भी कम लगेगा और एनर्जी की खपत भी कम होगी। इस नैनोटेक्नोलॉजी की मदद से biosciense , मेडिकल साइंस और इलेक्ट्रॉनिक के फील्ड में तेजी से उछाल आ जाएगा ।

Nanotechnology की शुरुआत कहा से हुई 

दोस्तों नैनोटेक्नोलॉजी का आइडिया तब आया जब भौतिक शास्त्री Richard Feynman के उस lecture से आया जब उन्होंने कहा था कि “There’s plenty of room at the bottom “और 29 दिसम्बर 1959 को california institute of technology में एक अमेरिकी भौतिक सोसायटी की मीटिंग में कही गई ये बात ही नैनोटेक्नोलॉजी का आधार बनी।

करीब एक दशक के बाद प्रोफेसर Norio Taniguchi ने नैनोटेक्नोलॉजी शब्द का प्रयोग किया । सन् 1981 में जब इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी का अविष्कार हुआ । तब से नैनोटेक्नोलॉजी में रिसर्च चल रही है।आज नैनोटेक्नोलॉजी को प्रयोग में लाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे है ।

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नैनोमीटर क्या होता है?

दोस्तों अब समझते है कि नैनोमीटर क्या होता है , नैनो size को कैसे समझे । नैनोमीटर 1 मीटर का 1 अरबवां हिस्सा होता है और 1 इंच में 25,400,000 nano meter होते हैं। अब आपको समझ आ गया होगा कि नैनोमीटर कितने छोटे particle होते है ।

Nanotechnology के क्या फायदे हैं?

  1. नैनोटेक्नोलॉजी की मदद लेकर ऐसी सूक्ष्म दवा बनाई जा सकेगी जो शरीर में मौजूद अनगिनत कोशिकाओं में कैंसर कोशिका को पहचानकर उसका अलग से इलाज कर सकेगी ।
  2. इस टेक्नोलॉजी की मदद से की भी पदार्थ की moluculer assembly को समझा जा सकता है । और उसका साइज हमारे बाल जितना छोटा बनाया जा सकता है । उसकी प्रॉसेसिंग capicity बेहतर बनाई जा सकती है ।
  3. नैनोटेक्नोलॉजी का उपयोग करके खाद बनाई जा सकती है जिससे फसल की पैदावार में बढ़ोतरी होगी ।
  4. नैनोटेक्नोलॉजी की मदद से industrial area में और वाहनों से निकलने वाले धुएं को हानिरहित धुएं में बदला जा सकता है । ऐसा करने से वायु प्रदूषण कम किया जा सकेगा।
  5. इस टेक्नोलॉजी का उपयोग बल्ब में भी किया जाएगा जिससे इसकी रोशनी ज्यादा और बिजली की खपत कम होगी।

नैनोटेक्नोलॉजी में career कैसे बनाएं

दोस्तों नैनोटेक्नोलॉजी के बारे में खास बातें जान लेने के बाद अब जान लो कि इसमें अपना career कैसे बनाएं। Nanoscience, technology , medical , electronics environment science , cosmetic, security, fabric, agriculture और डिफेंस education में अपना career बना सकते हैं।

निष्कर्ष:

दोस्तों आप समझ गए होंगे कि नैनोटेक्नोलॉजी क्या है और इसका हमारे आने वाले future में कितना अहम योगदान रहेगा । नैनोटेक्नोलॉजी आने वाले समय में हर फील्ड में बहुत कारगर साबित होगी । अगर आपको हमारे द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में share जरूर करें और हमारी वेबसाइट knowledgepapa में विजिट करना न भूले ।

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