पवन चक्की (Wind turbine) से बिजली कैसे बनती है ? इसके मुख्य पार्ट कौन-कौन हैं?

Wind turbine: आज के इस आधुनिक युग में बहुत सारे अविष्कार हुए हैं। चाहे वह किसी भी क्षेत्र में मोबाइल से लेकर फाइटर जेट, मालगाड़ी से लेकर बुलेट ट्रेन तक का सफर हमारे विकास को प्रदर्शित करता है । लेकिन इन सब की जान बिजली (electric )होती है। अगर बिजली नहीं है तो आप के सारे डिवाइस एक डिब्बे के समान है । इसीलिए बिजली आपूर्ति बहुत हो रही है जिससे बिजली बनाने के नए संसाधन जुटाए गए है । इन्हीं संसाधनों में wind turbine बिजली उत्पादन का एक मुख्य उपाय है। आइए इसके बारे में संक्षिप्त में जानते है ।

Wind turbine कैसे बनाते है ?

दोस्तों wind turbine बनाने के लिए कई सारे instrument की जरूरत होती है क्योंकि यह कुतुबमीनार से भी ऊंचे होते हैं। इसको बनाने के लिए सबसे पहले इंजीनियर्स base foundation बनाते हैं जिसे टॉवर कहते हैं। इसको कई section में टुकड़े टुकड़े को जोड़कर बनाया जाता है। यह टॉवर पूरा ठोस न होकर अंदर से खोखला रखा जाता है । खोखला रखने का एक फायदा यह है कि ऊपर से बनी हुई बिजली को केबल के द्वारा अन्दर से आसानी से नीचे लाया जाता है।

Wind turbine के टॉवर की ऊंचाई 80 से 100 मीटर तक हो सकती है यह वहां के एरिया में depend करती है कि वहां की ऊंचाई कितनी है। Wind turbine में तीन ब्लेड का प्रयोग किया जाता है जिसमें एक ब्लेड की लम्बाई लगभग 60 फीट होती है। इन ब्लेड को जहां फिट किया जाता है उसे रोटर हब कहते है। जब यह ब्लेड हवा से घूमेंगे तब बिजली बनेगी । लेकिन कुछ समस्या होती है जैसे हवा का नहीं चलना , हवा का तेज चलना और हवा की दिशा बदल जाना लेकिन इसका भी जुगाड किया जाता है आगे बताते है ।

इन ब्लेड को दो तरह से फिट करते है पहला है रोटर हब को fit करने के बाद एक एक ब्लेड लगाकर, दूसरा है तीनों ब्लेड लगाकर सीधा टॉवर के नेकल में फिट करके।

Wind turbine का जो main पार्ट होता है उसे नेकल कहते है यह बहुत ही बड़ा होता है। यह अंदर से खोखला होता है इसी में जो बड़े पार्ट होते है फिट किया जाता है ।

पवन चक्की (Wind turbine) से बिजली कैसे बनती है ?

Wind turbine के नेकल में gear box लगे होते है । जिसका काम होता है low RPM ( revolution per minute) को high RPM में convert करना। इस RPM का ratio 1:100 होता है । मतलब अगर एक बार अगर wind turbine घूमेगी तो उसके अन्दर लगी सॉफ्ट 100 बार घूम जाएगी । अगर कभी तूफान आ जाए और उसके पंखों की speed ज्यादा हो जाए उससे बचने के लिए अंदर एक break system लगा होता है। जो इसे control करके रखता है ।

इसमें लगे gearbox के पीछे जनरेटर लगा होता है जो इसे बिजली में convert कर देता है।अब प्राप्त बिजली को केबल की मदद से नीचे भेज देते हैं । नीचे एक ट्रांसफार्मर लगा होता है जो इसके वोल्टेज को बढ़ा देता है । अब इस बनी हुई बिजली को power Sub station में भेज देते है। अब इस power station से बिजली को ग्रिड की सहायता से supply कर देते है ।

Note: हवा की स्पीड ज्यादा हो जाए तो उसे कम करने के लिए break system का उपयोग करते है उसी प्रकार अगर हवा की दिशा बदल जाए तो उसके लिए नेकल के पीछे वाले भाग में एनिमोमीटर लगा होता है जिसका काम हवा की दिशा का पता करके उसी दिशा में नेकल को घुमा देना होता है जिससे पंखे घूमते रहे । नेकल जहां से घूमता है उस भाग को yaw कहते है ।

Wind turbine के लाभ और हानिया

  • दोस्तों wind turbine को बनाना बहुत ही महंगा होता है
  • ​इसको हम सभी जगह नहीं बना सकते है ।
  • ​यह प्रदूषण नहीं फैलाता है। जिसे इकोफ्रेंडली भी कहते है ।
  • ​कभी कभी स्पीड ज्यादा होने से break system काम नहीं करता जिससे आग लग जाती है।
  • ​कभी कभी टॉवर के ब्लेड टूट जाते है जिससे उसकी मरम्मत काफी महंगा होता है ।
  • ​इसको बनाना one time investment होता है जिससे हमें एक बार बनाने के बाद हमें हमेशा बिजली मिलती रहती है ।

Conclusion:
दोस्तों बिजली का इस्तेमाल तो सभी जगह किया जाता है लेकिन इसे बनाने में बहुत खर्चा आता है । बिजली कई तरह से बनाया जाता है जिसमें एक प्रोसेस wind turbine है जिसके द्वारा hm बिजली प्राप्त कर पाते है । दोस्तों अगर आपको दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में शेयर जरूर करे ।

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