दोस्तों आज का यह आर्टिकल बहुत ही intresting होने वाला है । आज हम जानेंगे कि टेलीफोन , mobile network और इंटरनेट कैसे काम करते है । 4G में LTE और VOLTE में क्या अन्तर है। आज इस जमाने में सभी लोग स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते है लेकिन 90% लोग ये नहीं जानते होगे कि उनके मोबाइल का इंटरनेट काम कैसे करता है और जब हम किसी को कॉल करते है तो हम बात कैसे कर पाते है । आज हम इसी बारे में बात करने वाले है तो लास्ट तक जरूर पढ़ें ।
Table of Contents
पुराना टेलीफोन कैसे काम करता था How the old telephone worked

पहले वाले टेलीफोन जो होते थे उसमें पहले हम जो बोलते थे उस आवाज को एन्क्रिप्ट करके सिग्नल में बदला जाता था। इसके बाद उसका कनेक्शन एक वायर के द्वारा exchange पोर्ट से कर दिया जाता था। एक्सचेंज पोर्ट का कनेक्शन एक बहुत बड़े ऑफिस से रहता था जिसे एक्सचेंज ऑफिस कहते थे। इसका कनेक्शन भारत में सभी जगह wire के द्वारा रहता था ।
अब जब आप अपने टेलीफोन में किसी से बात करते थे तो सबसे पहले यह उस आवाज को एन्क्रिप्ट करके सिग्नल में बदलता था । अब वह सिग्नल आपके उस एरिया के पोर्ट में जाता था। इसके बाद वह पोर्ट उसे सबसे बड़े एक्सचेंज ऑफिस में ट्रान्सफर कर देता था । इसको पता रहता था कि आपने कहा के लिऐ call किया और वह उसी लाइन में आपका उस एन्क्रिप्ट सिग्नल को भेज देता था । जिससे आप किसी से बात कर पाते थे।
मोबाइल नेटवर्क और कॉल कैसे काम करते है How mobile networks and calls work
दोस्तों आपको लगता होगा कि आप जब किसी को कॉल करते हैं तो वह wireless तरीके से बात कर पाते है लेकिन ऐसा नहीं है । यह wireless system केवल आपके मोबाइल और आपके एरिया के टावर तक रहता है इसके बाद सारा काम एक wire के द्वारा ही होता है जो सारी दुनिया में जमीन में या समुद्र में बिछी हुई है। आईए इसको डिटेल में जानते हैं।
- जब भी आप नया मोबाइल खरीदते है उसमे कॉल करने के लिए एक सिम कार्ड की जरूरत होती है। और सिम कार्ड खरीदते समय document देने पड़ते हैं। इस document को टेलिकॉम कंपनियां अपने सर्वर में सेव कर लेती है । जिसे मोबाइल switching center कहते हैं।
- अब आप जब भी आप किसी को कॉल करते है तो आपके मोबाइल एंटीना आपके पास के टावर को सिग्नल भेजता है।
- इसके बाद मोबाइल टावर उस सिग्नल को wire (optical fibre) के द्वारा उसे mobile switching center में भेजती है ।
- Mobile switching center एक ऐसी जगह होती है जहां सभी के number की जानकारी save रहती है जिसे मोबाइल exchange भी कहते है ।
- अब mobile switching center को पता होता है कि आपने किस number को कॉल किया है और वह अभी कहा है तो वह उस एरिया के एक्सचेंज center में सिग्नल भेज देता है ।
- इसके बाद यह mobile switching center इस सिग्नल को उस नम्बर के पास वाले टॉवर में सिग्नल भेज देता है । यहां तक का प्रोसेस एक wire ( optical fibre) के द्वारा हो रहा था ।
- अब केवल यही पर यह टॉवर आपके मोबाइल में वायरलेस तरीके से सिग्नल भेजता और उस सिग्नल मोबाइल voice में convert कर देता है।जिससे आप बात कर पाते है यह process कुछ ही सेकंड में हो जाता है ।
मोबाइल टॉवर कैसे काम करता है ?How a mobile tower works
आप सभी ने देखा होगा मोबाइल टॉवर को ऊंचाई वाली जगह में लगाया जाता है जिससे ज्यादा एरिया में नेटवर्क फैल सके । इस टॉवर में चपटे और गोल तरह के कई एंटीना लगे होते हैं आइए जानते है इनका काम क्या होता है ।
GSM एंटीना:

टॉवर में जो चपटे एंटीना होते है उन्हें GSM एंटीना कहते है। यही मुख्य एंटीना होता है । यही कॉल को receive और send करता है ।
Microwave एंटीना :

टॉवर में जो गोल तरह के एंटीना लगे होते है इन्हें microwave एंटीना कहते हैं।इसका काम एक टावर से दूसरे टावर में बात करना होता है । इन दोनों एंटीना के बारे में हम उदाहरण से समझते है ।
उदाहरण: मान लो आपने दिल्ली में किसी को कॉल करना है तो सबसे पहले सिग्नल आपके पास वाले टॉवर में जाएगा अब टॉवर में लगा GSM एंटीना इस सिग्नल को wire (optical fibre) के द्वारा mobile switching center में भेज देगा । अब यह MSC दिल्ली वाले MSC में भेज देगा । अब दिल्ली वाला MSC उस नम्बर का एरिया पता करेगा कि कहा रजिस्टर्ड है उसके पास वाले टॉवर में सिग्नल भेज देगा ।
लेकिन अब वह आदमी दिल्ली में नहीं है वो अब कानपुर में है तब काम microwave एंटीना करता है। अब यह एंटीना टॉवर से टॉवर बात करेगा और पता लगाएगा कि वह नम्बर अभी किस टॉवर के एरिया में है। जिस टॉवर के पास आपका नम्बर होगा उस टॉवर में सिग्नल भेज देगा । इसके बाद GSM एंटीना उस नम्बर पे सिग्नल भेज देगा और आपकी बात हो जाएगी । यह प्रोसेस सेकंडों में हो जाता है ।
इंटरनेशनल कॉल कैसे काम करती हैं ?How international calls work
आप सभी लोग सोच रहे होंगे कि हम भारत में तो टॉवर के बाद का प्रोसेस wire के द्वारा होता हैं और बात भी कर लेते हैं लेकिन जब हमें किसी दूसरे देश में कॉल करना हो तो ये कैसे होता है ?
आप सभी को पता होना चाहिए कि जैसे हमारे देश के अंदर जमीन में optical fibre wire बिछे हैं वैसे ही दूसरे देश से कॉल में बात करने के लिए समुद्र के अंदर optical fibre की केबल बिछी हुई है । अब जब हम किसी दूसरे देश में call करते हैं तो वह सिग्नल पहले mobile switching center में जाता है इसके बाद जहां के लिए कॉल किया होगा इस केबल के द्वारा भेज दिया जाता है और आपकी बात हो जाती है ।अभी कुछ समय पहले भारत ने चेन्नई से अंडमान तक यह लाइन बिछाई है।
4G में LTE और VOLTE में क्या अन्तर है?What is the difference between LTE and VOLTE in 4G?

दोस्तों इन्टरनेट का विकाश तो बहुत तेजी से हुआ है पहले 2G फिर 3G और फिर 4G आया। लेकिन जब 4G आया तब वह अचानक से devlope नहीं हुआ। 4G की जो requirement थी उसे कोई भी कंपनी पूरा नहीं कर पा रही थी इसलिए सरकार ने कहा आप 4G ले लो लेकिन इसमें सुधार करते रहिए और इसे Long time तक सुधार करना पड़ेगा इसीलिए इसे Long Term Evolution ( LTE ) कहा गया । जब धीरे धीरे 4G में सुधार की क्रिया होती है तो उसे LTE कहते हैं।
अब बात आती है कि VOLTE क्या है उस समय LTE से नेट तो बहुत अच्छा चलता था लेकिन जब कॉल में बात करना होता था तो अच्छे से बात नहीं होती थी क्योंकि बात करने के लिए radio frequency का इस्तेमाल करते थे । Radio frequency में disturbence बहुत होता था। जब jio आया तब उसने सोचा हम जिससे डेटा भेज रहे हैं उसी से voice signal भी भेज दे तब उसने जिस तकनीकी का इस्तेमाल किया उसे ही VOLTE (Voice Over Long Term Evolution) कहते हैं। Volte में कॉलिंग की समस्या नहीं होती है ।
सैटलाइट फोन क्या होते है ?What are satellite phones?

अगर आप कही ऐसी जगह में जहां कोई टॉवर नहीं है और न ही कोई optical fibre cable बिछी हुई है तब हम सेटेलाइट फोन की जरूरत होती है । वैसे इसका उपयोग सभी लोग नहीं कर सकते है इसका उपयोग केवल फौज में युद्ध के समय में होता है। सैटलाइट फोन से जब आप कॉल करते है तो वह सीधा सैटलाइट में सिग्नल जाता है फिर वह सेटेलाइट दूसरे सैटलाइट फोन में सिग्नल भेजते है जिससे एक दूसरे से बात हो पाती है।
Conclusion:
सभी लोग सोचते है कि जो call में बात कर रहे हैं उसका सिग्नल पहले कीसी सैटेलाइट में जाता है फिर उनकी बात होती है लेकिन ऐसा नहीं है।मैने इस बारे में details में बताया है अगर आपको हमारी जानकारी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों में share जरूर करें।
धन्यवाद
share this: